Defence News: India के तीसरे Aircraft carrier को लेकर China का मज़ाक

Defence Army News In Hindi India के तीसरे Aircraft carrier को लेकर China का मज़ाक भारत के तीसरे Aircraft Carrier की खबर सुनते ही घबराया चीन

India के तीसरे Aircraft carrier को लेकर China का मज़ाक

समुद्र में अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए भारत अब अपना तीसरा Aircraft Carrier तैयार करने का फैसला ले सकता है मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जल्द ही भारत की (Defence Acquisition Council-DAC) में इसका फैसला हो जाएगा।

Aircraft Carrier समुद्र में तैरते हुए द्वीप की तरह होते हैं जिन पर तैनात Fighter Jets के जरिए मजबूत देश अपनी भौगोलिक सीमा के बाहर जाकर भी समुद्र में अपनी पोजिशनिंग को Project कर सकते हैं भारत के पास दो Aircraft Carrier यानी विमानवाहक जहाज़ है और अब तीसरे कैरियर को तैयार करने की योजना बनाई जा रही है।

भारत के इस फैसले से सबसे ज्यादा मिर्ची चीन को लगी है और उसके सरकारी Mouth Piece यानी ग्लोबल टाइम्स ने इसका मजाक उड़ाते हुए तंज कसा है Global Times ने उत्तराखंड में हुए सुरंग हादसे को विमानवाहक जहाज़ के निर्माण से जोड़कर मजाक उड़ाया है।

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के इस माउथपीस अखबार ने लिखा है कि चीन किसी भी देश का दुश्मन नहीं है जब तक उसे उकसाया नहीं जाए उसने अपने नए Aircraft Carrier फोजियान से भी भारत के विमानवाहक की तुलना की है ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि भारत कथित तौर पर चीन का मुकाबला करने के लिए अपना दूसरा स्वदेशी विमानवाहक जहाज़ हासिल करने के लिए तैयार है।

इस अखबार ने चीनी Military Experts के हवाले से लिखा है कि अपने खुद के विमानवाहक जहाज़ को बनाने में सक्षम होना एक बड़ी उपलब्धि है लेकिन चीन का मुकाबला करने के लिए उसका निर्माण करना भारत की सुरंग दृष्टि को दर्शाता है।

इस अखबार ने अपनी फौज की तारीफ करते हुए लिखा है कि भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक INS विक्रांत का चीन के पहले स्वदेशी विमानवाहक जहाज़ साइडन से कोई मुकाबला नहीं है हालांकि ग्लोबल टाइम्स यहां यह बताना भूल गया कि चीन ने अपने पहले विमानवाहक जहाज़ को यूक्रेन से कबाड़ में खरीदकर और रूस से टेक्निक चुराकर डेवलप किया था।

दरअसल चीन की परेशानी यह है कि वह दुनिया में खुद को अमेरिका की टक्कर का पावरफुल देश साबित करने के लिए मजबूत Navy तो तैयार कर रहा है लेकिन उसके मुकाबले भारत ने भी अपनी Navy को दमदार बनाने का फैसला कर लिया है।

भारत जिस दूसरे स्वदेशी विमानवाहक जहाज़ को तैयार करने की योजना बना रहा है उसकी लागत करीब 4.8 बिलियन डॉलर है यह भारत का स्वदेशी टेक्निक पर निर्मित दूसरा विमानवाहक जहाज़ होगा इससे पहले INS विक्रांत का निर्माण किया जा चुका है जिसे Navy में कमीशन किया जा चुका है इस विमानवाहक पोथ को चीन के खिलाफ बड़े हथियार के तौर पर देखा जा रहा है।

अगर हम विमानवाहक जहाज़ के मामले में पूरी दुनिया के देशों की तुलना करें तो अमेरिका इसमें सबसे आगे है अमेरिका के पास कुल 11 विमानवाहक जहाज़ है इनमें दुनिया का सबसे बड़ा विमानवाहक जहाज़ Gerald R. Ford भी शामिल है जबकि चीन के पास कुल दो Aircraft Carrier ही हैं और तीसरा अभी बनाया जा रहा है।

चीन के दो विमानवाहक जहाज़ Liaoning और Shandong Ski Jump वाले हैं जबकि तीसरा Fujian Electromagnetic catapult से लेस है भारत के पास अभी चीन के ही बराबर यानी दो Aircraft Carrier हैं INS विक्रमादित्य को भारत ने रूस से खरीदा था जबकि दूसरा INS विक्रांत स्वदेशी टेक्निक पर निर्मित विमानवाहक जहाज़ है।

भारत तीसरे विमानवाहक जहाज़ का निर्माण करने जा रहा है इटली, जापान और ब्रिटेन के पास भी दो-दो Aircraft Carrier हैं जबकि फ्रांस और रूस के पास एक-एक Aircraft Carrier है और पाकिस्तान के पास एक भी Aircraft Carrier नहीं है।

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