Story For Kids In Hindi – जिद्दी बच्चे की कहानी Here, You Can Read Latest Collection Of Short & Long Real Moral Stories In Hindi For Child, Hindi Kahani, Horror Story, Short Story For Kids In Hind and English and many more.
Story For Kids In Hindi – राजू की उम्र करीब 10-12 साल की थी उसे बाहर की चीज़ो को खाने की बुरी लत थी उसे घर का खाना बिलकुल भी पसंद नहीं था उसके मम्मी पापा उसे लाख समझाते मगर उसपर कोई असर नहीं होता था। एक दिन राजू स्कूल से घर आया।
राजू – मम्मी-मम्मी मुझे भूख लगी है। मम्मी – बैठो मैं अभी तुम्हारे लिए पोहा बना देती हूँ। राजू – नहीं मुझे पोहा नहीं खाना है। मम्मी – तो फिर केले है, सेव है खा लो। राजू – मुझे तो चिप्स खाना है और पेप्सी पीनी है। मम्मी – वो तो घर में नहीं है। राजू – तो लाओ पैसे दो मैं बाहर से लेकर आता हूँ।
इस तरह राजू ने घर का खाना नहीं खाया और माँ से जिद्द कर पैसे लेकर बाहर चला गया। उसी शाम माँ ने पराठे और आलू गोभी के सब्जी बनाई थी। माँ पिता जी और राजू तीनो खाने की टेबल पर बैठे थे राजू को खाना पसंद नहीं आ रहा था वो खा नहीं रहा था।
पापा – क्या हुआ राजू बेटा खा क्यों नहीं रहे हो।
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पापा – तो क्या इतनी रात को तुम्हारे लिए छप्पन भोग बनाये चुप चाप खा लो।
राजू से खाना नहीं खाया जा रहा था उसका मन पेटीज और आइसक्रीम खाने का कर रहा था। आखिर उसने मम्मी पापा के नज़रो से बचा कर पराठे और सब्जी वही पास रखे फूलदान में डाल दिए फिर वो अपने कमरे में चला गया। अगले दिन राजू स्कूल जाने को तैयार था मम्मी उसके लिए दूध लेकर आयी।
मम्मी – ले दूध पिले। राजू – नहीं मुझे दूध पसंद नहीं है मैं दूध नहीं पियूँगा।
तभी वह उसके पापा आ गए उनके डर से राजू ने दूध का गिलास तो ले लिए मगर फिर उसने वही किया उनकी नज़र से बचाकर खिड़की से बाहर उड़ेल दिया और फिर स्कूल चला गया। उस दिन जब मम्मी घर का सफाई कर रही थी तब उन्हें फूलदान से रात के पराठे और सब्जी मिली तभी वहा पापा भी आये और बोले।
पापा – तुम्हारे लाड़ले ने सुबह खिड़की से सारा दूध बाहर उड़ेल दिया था देखो मेरे चप्पलो पर भी दूध लग गया है। इस देश में कई सारे ऐसे बच्चे भी है जिन्हे दूध देखने को भी नहीं मिलता और इसे मिलता है तो इसे उसकी कदर नहीं है।
मम्मी – और उसने रात का खाना भी फूलदान में डाल दिया था। हे भगवन ! इस लड़के का मैं क्या करू। इसके क्लास के सारे बच्चे आगे बढ़ते जा रहे है और एक ये है इसी वजह से से इसकी सेहत दिन पर दिन गिरती जा रही है।
पापा – जब खाना ही ठीक से नहीं खायेगा तो सेहत कैसे बनेगी, बाहर का उल्टा सीधा खाने की आदत जो पड़ी है। मम्मी – ये जी आप कुछ कीजिये ना।
पापा – अब मैं क्या करू अब राजू कोई दूध पिता बच्चा तो नहीं है जो जबरदस्ती उसके मुँह में खाना ठूस दू। हो सकता है उसकी स्कूल की मैडम हमारी कोई मदद कर सके।
ये सोच मम्मी-पापा अगले दिन राजू के स्कूल उसके मैडम से मिलने गयी और उनसे अपनी समस्या बताई।
मैडम – समस्या तो गंभीर है ठीक से ना खाने पिने की वजह से राजू पढ़ाई में भी पिछड़ रहा है वो क्लास के दूसरे बच्चो से खेल कूद में भी काफी पीछे रहता है। पापा – तो आप ही कुछ बताईये मैडम की इस समस्या से कैसे निपटा जाय।
मैडम – राजू को समझाना पड़ेगा की बाहर की ये उल्टी सीधी चीज़े खाने से शरीर को कितनी नुकशान पहुँचाती है मेरे पास एक तरकीब है ध्यान से सुनिए।
मम्मी-पापा दोनों मैडम की बात ध्यान से सुनने लगते है। अगले हप्ते राजू की जन्मदिन की पार्टी थी उसके सारे दोस्त और मैडम भी पार्टी में आयी थी। उस दिन राजू को खाने की पूरी छूट थी उसने जी भरकर चिप्स, बर्गर, पेटीज और आइसक्रीम खायी और कोल्डड्रिंक पिया। जब पार्टी ख़त्म हुयी तो मैडम ने राजू को एक पौधा देते हुयी बोली।
मैडम – ये लो बेटा तुम्हारे जन्मदिन का तोफा, ये पौधा बहुत अनोखा है ये जिसके पास रहता है उसको किसी चीज़ की कमी नहीं होती है तुम इसका ख्याल रखोगे ना।
राजू को वो पौधा बहुत पसंद आया वह बोला जी मैडम मैं इसका बहुत ख्याल रखूँगा। पार्टी ख़त्म हो गयी और सब अपने-अपने घर को चले गए। राजू भी अपने पौधे को लेकर अपने कमरे में सोने को चला गया। अगले दिन !
राजू – मम्मी थोड़ा पानी देना मुझे अपने पौधे में पानी डालना है। मम्मी – पानी क्यों कोल्डड्रिंक डाल दे। राजू – कोल्डड्रिंक क्यों माँ? मम्मी – तुझे बहुत पसंद है ना अपने पौधे को भी वही पीला हो सके कोल्डड्रिंक पीकर तुम्हारा पौधा जल्दी-जल्दी बढ़ने लगे।
राजू – मम्मी आप कैसी बातें कर रही है किसी पौधे में कोई भला कोल्डड्रिंक डालता है क्या। मम्मी – क्यों जब तू कोल्डड्रिंक पि सकता है तो तेरा ये पौधा क्यों नहीं।
मम्मी के कहे के अनुसार राजू ने पौधे में कोल्डड्रिंक डाल दिया अब तो फिर ऐसा ही होने लगा। राजू जब भी मम्मी से पानी डालने के लिए कहता मम्मी उससे कोल्डड्रिंक डालने को कहती और राजू भी पौधे में कोल्डड्रिंक डाल देता था इस तरह से पौधा धीरे-धीरे सूखने लगा। राजू को समझ में नहीं आ रहा था की ये क्या हो रहा है उसने अपने पापा से पूछा।
राजू – पापा मैं तो पौधे में पानी से भी अच्छी चीज़ कोल्डड्रिंक डालता हूँ लेकिन फिर भी मेरा पौधा सूखता जा रहा है। पापा – लगता है इसमें खाद डालनी पड़ेगी। राजू – खाद कहा से मिलेगी पापा। पापा – तुम्हारे पास ही तो है तुम जो चिप्स और पेटीज खाते हो उसी को चुरा बनाकर पौधे में डाल दो। राजू – मगर क्या ये पौधे के लिए अच्छा होगा पापा। पापा – क्यों नहीं होगा जब तुम्हे अच्छा लगता है तो पौधे को भी अच्छा लगेगा।
राजू ने पापा के कहे के अनुसार पौधे में चिप्स और पेटीज का चुरा बना कर डाल दिया। इससे हालत ये हो गयी की पौधा और भी सुख गया। राजू को ये नहीं समझ में आ रहा था की वो अपने पौधे को बचाने के लिए क्या करे। वह अकेला बैठा सोच ही रहा था की तभी उसके मम्मी-पापा कमरे में आये।
मम्मी – पता है बेटा तुम्हारे पौधे की ऐसी हालत क्यों हुयी तुम इसमें पानी की जगह कोल्डड्रिंक और खाद की जगह चिप्स और पेटीज डाल रहे थे इन्ही चीज़ो ने पौधे को नुक्सान पहुचाये है ठीक वैसे ही जैसे ये सारी चीज़े तुम्हारे शरीर को नुक्सान पहुँचाती है।
पापा – जिस तरह पौधे को सही खाद और पानी नहीं मिलने से वह सूखने लगा है उसी तरह तुम्हारे शरीर को सही पोषक तत्व ना मिलने से वह अंदर से कमजोर होता जा रहा है और तुम पढ़ाई और अपने दोस्तों से खेल कूद में पिछड़ते जा रहे हो। ये बाहर की चीज़े जैसे पिज़्ज़ा बर्गर पेटीज कोल्डड्रिंक चिप्स खाने पिने में तो बहुत अच्छे लगते है मगर इसमें कोई पोषक तत्व नहीं होता है। रोज़-रोज़ ऐसी चीज़े खाने से हमारा शरीर कमजोर होता जाता है और कई तरह के बीमारिया हमारे शरीर में घर कर जाती है। जिस तरह पौधे को पनपने के लिए अच्छी खाद और पानी चाहिए उसी तरह शरीर को मजबूत बनाने के लिए अच्छे पोषक तत्वो की जरुरत होती है जो सिर्फ घर के खाने से मिल सकती है बाहर की चीज़ो से नहीं।
राजू – मैं समझ गया पापा अब मैं अपने पौधे को अच्छी खाद और पानी दूंगा और खुद भी आज से सिर्फ घर का खाना खाऊंगा आज से बाहर की चीज़े बिलकुल बंद।
उस दिन से राजू सिर्फ घर का खाना खाने लगा और अपने पौधे को अच्छा खाद और पानी देने लगा इससे कुछ ही दिनों में उसका पौधा फिर से लहलहा उठा और राजू की सेहत हो अच्छी हो गयी।
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