Short Motivational Story In Hindi – एक नाव वाले की कहानी Here, You Can Read Latest Collection Of Short Motivational Story In Hindi, Motivational Speech In Hindi, Inspirational Speech For Students Success In Life In Hindi, and many more.
Motivational Story In Hindi – एक बार एक बहुत बड़ा बिजनेसमैन एक छोटे से गांव में जाता है। उसका प्लान होता है उस गांव में एक फैक्ट्री लगाने का वह एक ऐसी जगह पहुंच जाता है जहा पर उसके सामने एक नदी होती है और नदी उस पार गांव होता है।
अब उसके पास दो रास्ते होते है एक की वह सड़क के रास्ते से घुम करके उस गांव में पहुंचे जिसमे करीब 8 घंटे लगेंगे क्योकि वहा तक पहुंचने का डायरेक्ट कोई रास्ता नहीं है और दूसरा की एक नाव में बैठकर सिर्फ 20 मिनट में उस नदी को पार करके उस गांव में पहुंच जाये।
उसने अपना टाइम बचाने के लिए उस नाव में बैठने का निर्णय लिया। वह नाव बहुत ही छोटी सी थी जिसमे एक तरफ एक आदमी बैठा था जो की नाव चला रहा था और दूसरी तरफ ये बिजनेसमैन बैठा हुआ था।
नाव में बैठने के थोड़ी देर बाद उस बिजनेसमैन ने उस नाव वाले से पूछा “तुझे पता है की तेरे नाव में कौन बैठा है” तो नाव वाले ने बड़े ही भोले पन से कहा की नहीं साहब मुझे नहीं पता है की आप कौन है।
तो बिजनेसमैन बोला, क्या तू अख़बार नहीं पढ़ता है अख़बार में हर दूसरे दिन मेरी फोटो आती है। तो नाव वाला बोला, अरे साहब मुझे कहा पढ़ना लिखना आता है मैं बहुत छोटा सा था जब मेरे पिता जी गुजर गए थे तो अपने परिवार का ध्यान रखने के लिए मैं बचपन से ही काम पर लग गया और तभी मेरा स्कूल छूट गया।
यह सुनकर उस बिजनेसमैन ने उसका मजाक उड़ाते हुए कहा, तुझे पढ़ना लिखना तक नहीं आता है ऐसी जिंदगी का क्या फायदा। ये सुनकर उस नाव वाले को बुरा तो लगा लेकिन उसने कुछ नहीं बोला।
थोड़ी देर बाद वह बिजनेसमैन उस नाव वाले से बोला, अभी कुछ दिन बाद यह तुम जो जमीन देख रहे हो यहाँ पर मेरी एक बहुत बड़ी फैक्ट्री होगी जहा पर हमारे ब्रांड की मिनिरल वाटर की बॉटल्स बनेगी।
उस नाव वाले को उसकी बात समझ नहीं आयी उसने कहा, क्या बनेगा साहब। फिर बिजनेसमैन थोड़ा सा इर्रिटेट हो करके बोला की हमारे यहाँ पानी की बोतले बनेगी जो तेरे गांव में नहीं बिकेगी लेकिन शहरो में बहुत बिकती है। अरे कभी तू शहर गया होगा तो तुमने देखा होगा की दुकानो पर पानी की बोतले रही होती है।
फिर उस नाव वाले ने बोला, अरे साहब मुझे कैसे पता होगा मैं तो कभी इस गांव से बाहर गया ही नहीं। फिर वह बिजनेसमैन हस्ते हुए बोला तू कभी इस गांव से बाहर तक नहीं गया तुझे पता ही नहीं की शहर क्या होता है अरे ऐसी जिंदगी का क्या फायदा। उसकी यह बात सुनकर नाव वाले को सच में लगने लगा की मेरी जिंदगी सायद किसी काम की नहीं है।
अपनी इस सोच की वजह से उस नाव वाले का ध्यान हटा और तभी नाव की टक्कर एक बड़े से पत्थर से हो गयी जिसकी वजह से नाव में पानी भरने लगा और नाव डूबने लगी। उस जगह पर पानी बहुत ही गहरा था और किनारा दूर था नाव वाले को समझ आ गया की अब इस नाव को बचाने का कोई उपाय नहीं है और वह अपनी जान बचाने के लिए नदी में छलांग मारने ही वाला था तभी उसने उस बिजनेसमैन से पूछा साहब आपको तैरना तो आता है ना।
तो बिजनेसमैन घबड़ा करके बोला, ऐसा क्यों पूछ रहे हो मुझे तैरना नहीं आता। उसकी यह बात सुन करके नाव वाले को हंसी आ गयी और वह बोला अरे साहब आपको तैरना तक नहीं आता ऐसी जिंदगी का क्या फायदा।
यह सुन करके उस बिजनेसमैन को अपनी उस गलती का अहसास हुआ और वह हाथ जोड़ करके उस नाव वाले से बोला तुम जो कहोगे मैं तुम्हे दूंगा बस मेरी जान बचा लो।
तो उस नाव वाले ने बोला अरे साहब आप घबड़ाओ नहीं मुझे सिर्फ तैरना नहीं आता बल्कि डूबते हुए लोगो को बचाना भी आता है आप मुझे कसके पकड़ लो मैं आपको कुछ नहीं होने दूंगा। और फिर उस नाव वाले ने सिर्फ अपनी नहीं बल्कि उस बिजनेसमैन की भी जान बचायी।
तो इस कहानी से हम एक बहुत बड़ी सिख ले सकते है की जिंदगी में हमें कभी भी किसी का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए या उसे अपने से कम नहीं समझाना चाहिए क्योकि हमें नहीं पता की हमें कब, कहा, कैसे और किसकी जरुरत पड़ जाये।
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