Haunted Road Story In Hindi – भूतिया रास्ता की कहानी, Bhutiya Real Horror Story In Hindi, Hunted Moral Horror Stories For Kids, Short Darawani Chudail Bhoot Ki Kahani, Ghost Story In Hindi For Child Kids, डायन, भूत, चुड़ैल, आत्मा की कहानियाँ
Bhutiya Rasta Horror Story In Hindi – यह कहानी है सुजानपुर की पहाड़ो के बिच बसा एक खूबसूरत गांव, लेकिन कहते है इस गांव तक आने वाला जंगल का रास्ता भूतिया है।
प्रभाकर कुछ दिन पहले ही इस गांव में रहने आया था वह भी गांव वालो से इस रास्ते के बारे में सुन रखा था। लेकिन प्रभाकर चुड़ैल भूत पर विस्वाश नहीं करता था। एक दिन वह रात को उसी रास्ते से अपने बाइक से शहर से लौट रहा था और उसकी बीबी “सुगंधा” भी उसके साथ थी। अचानक से एक काली बिल्ली उसका रास्ता काट देती है। प्रभाकर जोर से ब्रेक लगाता है तभी वह काली बिल्ली उसके बाइक के पास आकर गुर्राने लगी।
दोनों बिल्ली को भगाने का प्रयास करते है लेकिन उस बिल्ली का गुर्राना बंद नहीं होता है। गुर्राते-गुर्राते वह सुगंधा के ऊपर चढ़ जाती है वह उसे हटाने का प्रयास करती है लेकिन बिल्ली उसे जोर से दबोचा हुआ होता है तब प्रभाकर बिल्ली को पीछे से पकड़ता है और सुगंधा को उसकी पकड़ से छुड़ाता है।
फिर प्रभाकर एक पत्थर उठाकर उसे मरता है बिल्ली जोर से गुर्राते हुए सामने के पेड़ पर चढ़ जाती है और अचानक वहा से गायब हो जाती है। उसे अचानक गायब होते देख दोनों डर जाते है।
प्रभाकर – ये बिल्ली कहा गायब हो गयी। सुगंधा – गांव वाले सही कहते है ये रास्ता सच में भूतिया है वो बिल्ली जरूर कोई भूत थी। प्रभाकर – तुम भी ना, जंगल का रास्ता है यहाँ जंगली बिल्लिया और जानवर तो होते ही है। सुगंधा – होते होंगे, लेकिन वो किसी पर इस तरह हमला नहीं करते होंगे। चलो-चलो अब जल्दी निकलो यहाँ से कही फिर से कोई जानवर ना आ जाये।
प्रभाकर ने बाइक स्टार्ट किया लेकिन जैसे ही बाइक की हेडलाइट जली उसे सड़क पर कई सारे गहने गिरे हुए दिखाई दिए और उसमे सोने के सिक्के भी थे वह कुछ सोच पाता तभी उसे किसी औरत के रोने की आवाज आने लगी।
सुगंधा – अब किसका इंतजार कर रहे हो हम किसी मुसीबत में ना फस जाये।
वे दोनों घर लौट आये लेकिन प्रभाकर के आँखो के सामने वो सोने के गहने और सिक्के अभी भी घूम रहे थे। वैसे तो प्रभाकर को किसी बात की कमी नहीं थी लेकिन वो बहुत लालची था वो उन गहनों को किसी तरह हासिल करना चाहता था।
अगले दिन प्रभाकर अकेले ही बीज लेने के लिए शहर जा रहा था और सुगंधा की बातो को अनसुना करके बाइक स्टार्ट करके घर से निकल गया। थोड़ी देर बाद वह उसी भूतिया रास्ते पर पहुंच गया दिन के समय भी वह रास्ता बिलकुल सुनसान था। प्रभाकर अपनी बाइक से चला जा रहा था तभी उसे रास्ते के किनारे पर एक सुन्दर सी दुल्हन दिखाई दी जो रो रही थी। उसे समझ नहीं आ रहा था की इस सुनसान रास्ते पर यह दुल्हन कहा से आयी। वह उससे कुछ पूछता तभी वह उसके पास आ गयी और रोते हुए बोली।
दुल्हन – भाई साहब देखिये ना मै रास्ता भूल गयी हूँ, मुझे शहर जाना है क्या आप मुझे शहर छोड़ देंगे। प्रभाकर – लेकिन तुम यहाँ कैसे आयी, लोग कहते है की ये रास्ता भूतिया है। तुम दुल्हन के कपड़ो में हो और लोग कहा है।
दुल्हन – क्या बोलू भाई साहब.. मै अपने पति के साथ कार से इस रास्ते से गुजर रही थी अचानक एक काली बिल्ली ने हमारा रास्ता काट दिया और हम लोग रुक गए। मेरे पति ने कार रोकी तभी उन्हें झाड़ियों के पीछे से किसी औरत के रोने की आवाज आयी वह वहा गए तभी उनकी चीखने की आवाज आयी मै दौड़ कर वहा गयी तो देखा वो वहा मरे पड़े है।
प्रभाकर – तुम्हारा पति मर गया। दुल्हन – हां वो मर गए उनकी लाश झाड़ियों के पीछे पड़ी है आप प्लीज मेरी मदद करिये और मुझे शहर तक छोड़ दीजिये बदले में मै आपको ये सारे सोने के गहने के दूंगी और मेरे पास कुछ सोने के सिक्के भी है।
सोने की बात सुनकर प्रभाकर की कान खड़े हो गए वो तो इसी की तलाश में आया ही था उसने उन सिक्को को अपने हाथो में ले लिया लेकिन जैसे ही उसने अपने हाथो में लिया वह लड़की अब दुल्हन से चुड़ैल में बदल गयी और जोर-जोर से हसने लगी और प्रभाकर धुएं में बदलने लगा।
कुछ ही देर में प्रभाकर पूरी तरह से धुएं में बदल गया। उस चुड़ैल ने उस धुएं को एक बोतल में कैद कर लिया और ऊपर से ढक्कन लगाकर पहाड़ी के पीछे अपने घर के तैखाने में ले गयी। वहा पर पहले से ही धुएं से भरी कई सारे बोतले थी।
चुड़ैल – आज मेरी 11 लोगो की गिनती पूरी हो गयी बिना सोने का लालच दिए मै इन्हे धुएं में नहीं बदल सकती थी, लालची कही के। कल अमावस्या है कल मै इन सब को इनके असली रूप में ले आउंगी और इन सबको मारकर इनके आत्मा पर कब्ज़ा कर लूँगी और फिर उसे अपने पति के शरीर में प्रवेश करा दूंगी और वो फिर से जीवित हो जायेंगे।
दूसरी ओर रात काफी हो गयी थी प्रभाकर के घर नहीं पहुंचने पर सुगंधा को चिंता होने लगी। पूरी रात सुगंधा ने प्रभाकर का रास्ता देखा लेकिन नहीं आया उसे समझ नहीं आ रहा था की वहा कहा चला गया। तभी उसने देखा की गांव के मुखिया जी गांव के कुछ लोगो के साथ वहा से गुजर रहे थे वो उनके पास गयी और सारी बात बताई।
मुखिया – बेटी सच-सच बताना, तुम लोग हाल ही में भूतिया रास्ते पर गए थे क्या? सुगंधा – जी गए तो थे लेकिन उससे मेरे पति के ना लौटने का क्या सम्बन्ध है। मुखिया – कितनी बार कहा है उस रास्ते का इस्तेमाल मत करो लेकिन पता नहीं लोगो को मेरी बात समझ क्यों नहीं आती है। सुगंधा – आखिर आप सभी को वहा से जाने से मन क्यों करते है क्या राज है उस रास्ते का।
मुखिया – बेटी.. कुछ साल पहले एक नया शादी-सुदा जोड़ा इसी रास्ते से गुजर रहा था तभी गांव के ही कुछ बदमाश लोगो की नजर उन पर गयी उस दुल्हन के गहने देखकर उनके मन में लालच आ गया। उन्होंने उन गहनों के लालच में दोनो को मार दिया और मरते ही वह लड़की चुड़ैल बन गयी। उस दिन से जो भी उधर गया वह वापस नहीं लौटा।
सुगंधा – मै वहा आज जाउंगी और अपने पति को वापस लेकर आउंगी। मुखिया – वहा से कोई नहीं लौटता बेटी वहा जाना जान-बूझकर मौत को गले लगाना है।
लेकिन सुगंधा ने उनकी एक ना सुनी और मुखिया भी गांव के कुछ लोगो के साथ तांत्रिक को लेकर भूतिया सड़क वाले रास्ते पर पहुंचे, उनमे से कुछ लोगो ने अपने हाथ में मसाल भी ले रखी थी। जंगल के पास वाली पहाड़ी के पास से उन्हें मन्त्र की आवाज सुनाई दी वो सभी छिपकर देखने लगे। देखा की वही चुड़ैल मन्त्र पढ़ रही है।
चुड़ैल – हे सैतानी ताक़त प्रकट हो देख मैंने तुझे खुश करने के लिए इन सारे जीवित लोगो को धुएं में बदल दिया है कुछ घंटे के बाद मै इन्हे आजाद करुँगी और इन्हे एक-एक करके मरूंगी इनका खून तुझे पिलाऊंगी और फिर इनके आत्मा पर कब्ज़ा कर अपने पति को जीवित करुँगी।
तभी तांत्रिक ने पत्थर खींचकर एक बोतल पर मारा उसमे कैद एक आदमी बाहर निकला। चुड़ैल को इस बात का पता नहीं लगा क्योकि वह आँखे बंद करके मन्त्र पढ़ रही थी। तभी मुखिया जी बोले अरे ये तो भीमा है इसके साथियो ने ही मिलकर उस बेचारी औरत और उसके पति की हत्या की थी और ये लोग तो उस घटना के बाद गांव से गायब ही हो गए थे।
तांत्रिक – वे गायब नहीं हुए थे ये चुड़ैल ने सबको कैद कर लिया था इन्ही की आत्मा से वो अपने पति को जिन्दा करना चाहती थी। सुगंधा – पर इसने मेरे पति को क्यों पकड़ा, मेरे पति तो कुछ नहीं किये थे। तांत्रिक – तेरा पति इन गुंडों की तरह लालची था वो भी इसके गहनों के चक्कर में आ गया था इसे अपने सिद्धि को पाने के लिए 11 लालची लोग चाहिए थे दस तो ये थे ही लेकिन 11 की गिनती पूरी नहीं हो रही थी लेकिन उस दिन जब तुम और तुम्हारा पति इस रास्ते से गुजर रहे थे तभी इसने जान लिया की तेरे पति को लालच में फसाया जा सकता है।
वो बाते कर ही रहे थे की चुड़ैल अपनी आँखे खोली और अपने सामने फूटी बोतल देखकर गुस्से में भर गयी इतने में तांत्रिक ने कुछ मन्त्र पढ़कर मसाल को उसके ऊपर फेंका वो जलने लगी इसी बिच तांत्रिक ने सारी बोतलों को पत्थर मारकर फोड़ दिया और उसमे से कैद सभी लोग बाहर निकल गए। प्रभाकर भी उनमे से एक था उसे देखकर सुगंधा रोने लगी।
चुड़ैल – ये तूने ठीक नहीं किया तांत्रिक इन लोगो ने मुझे और मेरे पति को मारा था तुमने इन दुष्टो को आजाद करा दिया। तांत्रिक – इनके गलती की सजा इन्हे जरूर मिलेगी, मै इस बात का वादा करता हूँ लेकिन तू जो कर रही थी ये करके तू ईश्वर को चुनौती दे रही थी। एक बार जो मर गया उसे जीवित नहीं किया जा सकता।
चुड़ैल जलकर राख हो गयी। उसके बाद गांव वालो ने उन बदमासो को पुलिस के हवाले कर दिया। प्रभाकर के साथ-साथ पुरे गांव वालो ने लालच ना करने की कसम खायी उस दिन के बाद से वो रास्ता भूतिया नहीं रहा। चुड़ैल की आत्मा मुक्त ही गई।
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