Bhutiya Hindi Horror Stories – लाश चुराने वाले भूत की कहानी

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Bhutiya Hindi Horror Stories - लाश चुराने वाले भूत की कहानी।

Bhutiya Hindi Horror Stories – यह कहानी धूमा गाँव की है जहा इन दिनों लाशो की चोरी होने की घटना से हड़कंप मचा है। लाश चुराने वाला चोर दिखाई नहीं देता है लेकिन लाश शमशान घाट की चिता से अपने आप उठकर भागने लगती है। यह देखकर अंतिम संस्कार में आये लोग आश्चर्य चकित रह जाते है।

ऐसा ही पोस्ट मॉडम रूम में भी होता है जहा डॉक्टर लाश का पोस्ट मॉडम करने आते है और अचानक लाश उठकर चलने लगती है और रूम से बाहर निकलकर गायब हो जाती है। पोस्ट मॉडम करने वाले डॉक्टर डर कर बेहोश हो जाते है ऐसी घटनाये अब रोज़ होने लगती है इससे पुलिस इस मामले में हस्तखेज करती है गांव वाले पुलिस स्टेशन में इंस्पेक्टर से मिलते है और इस लाश चोरी होने वाले घटना पर चर्चा करते है।

इंस्पेक्टर – यह घटना ऐसी है जिसमे हम पुलिस वाले कुछ नहीं कर सकते। आदमी – अगर आप कुछ नहीं करेंगे तो गांव वाले कहा जायेंगे, पुलिस का काम चोरो को पकड़ना है इसीलिए हम आपसे शिकायत करने आये है।

इंस्पेक्टर – यह घटना चोरी की है या नहीं अभी तक कन्फर्म नहीं हुआ है क्योकि लाश खुद से उठकर भाग रही है उसे लेकर कोई नहीं जा रहा है। आदमी – हो सकता है लाश को चुराने वाला कोई भूत हो और भूत तो अदृस्य होते है, लाश शमशान घाट और पोस्ट मॉडम दोनों जगह से गायब हो रही है।

इंस्पेक्टर – अगर हम उस लाश चुराने वाले भूत को चोर समझ ले तो हमें गांव के सभी शमशान घाटों पर और पोस्ट मॉडम रूम में पंडित और ओझा को बिठाना पड़ेगा। फिर मुझे एक ही काम करना पड़ेगा, गांव के सभी शमशान घाट और पोस्ट मॉडम रूम में लाशो के हाथ में हथकड़ी और पाव में बेड़िया डालनी पड़ेंगी इससे लाश भाग नहीं सकेगी। आदमी – अगर ऐसा करने पर समस्या का समाधान होता है तो गांव वालो को आपत्ति नहीं है।

पुलिस के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ की जब पुलिस वालो ने किसी लाश को हथकडिया और बेड़िया पहनाई हो। लेकिन लाश चोरी की घटना ने पुलिस को ऐसा करने पर मजबूर कर दिया था। एक दिन फिर शमशान में एक लाश अंतिम संस्कार के लिए आती है लाश चिता पर रखी हुयी होती है तभी एक पुलिस वाला लाश को हथकड़ी और बेड़िया पहनाता है और डोम अर्थी को सजाता है तभी लाश चिता पर खड़ी होती है उसकी हथकड़ी अपने आप टूट जाती है और लाश चिता से निचे उतरकर भागने लगती है। अंतिम संस्कार में आये लोग डर कर छुप जाते है।

एक लाश पोस्ट मॉडम के लिए आती है पुलिस इस लाश को भी हथकड़ी और बेड़िया पहनाती है डॉक्टर लाश का पोस्ट मॉडम करने के लिए आते है तभी अचानक लाश की हथकड़ी और बेड़िया टूट जाती है और वह उठकर चलने लगती है। डॉक्टर और पुलिस डर कर भागते है लाश बाहर निकलकर गायब हो जाती है। लाश चोरी की घटना में पुलिस की हथकड़ी और बेड़िया भी काम में नहीं आयी। शमशान घाट और पोस्ट मॉडम रूम दोनों जगह से लाशे उठकर भाग रही है। गांव वाले फिर से इसी विषय पर चर्चा करने के लिए जमा होते है। तभी उसमे से एक आदमी गीता का श्लोक पढता है और दूसरा आदमी कहता है की

“भाई तुम ये गीता का श्लोक क्यों पढ़ रहे हो”

“गीता में लिखा है की आत्मा को कोई भी शत्र काट नहीं सकती, अग्नि जला नहीं सकती आत्मा अमर है”

“आत्मा की तरह ये लाशे भी अमर है जब पुलिस की हथकड़ी और बेड़िया तोड़कर भाग रही है”

“अब पुलिस भी इसमें क्या करेगी हमारी समस्या का क्या होगा अगर ये लाशे ऐसी ही भागती रहेंगी तो इन लाशो को पकड़ना हमारे बस में नहीं है भाई”

“लेकिन हम लाशो को ऐसे छोड़ भी तो नहीं सकते क्योकि जिन लाशो का अंतिम संस्कार नहीं होता वह भूत बन जाते है और हम अपने गांव वालो को भूत बनते हुए कैसे देखेंगे”

गांव वाले अपने समझ के अनुसार अपने-अपने विचार एक दूसरे के सामने रखते है सबका एक ही उद्देश्य है की इस समस्या का समाधान निकले सभी लोग इसी चिंता में गंभीर होते है। पुलिस भी इस गंभीरता से इस केस को सुलझाने में दिन-रात एक कर देती है। लाशो को हथकड़ी पहनाने वाला आईडिया काम नहीं आता। इंस्पेक्टर और हवलदार आगे की योजना पर काम करते है।

हवलदार – सर मैंने अपने हाथो से उन दोनों लाशो को हथकड़ी और बेड़िया पहनाई थी वो उन्हें फूलो की हार की तरह तोड़कर चली गयी और मैं देखता रहा। इंस्पेक्टर – तुम देखने के अलावा और कर भी क्या सकते थे। हवलदार – अब आगे क्या करना है सर गांव के डोम ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है। इंस्पेक्टर – और डॉक्टर भी पोस्ट मॉडम करने से कतराने लगे है लेकिन हम हार नहीं मानेंगे, चलो मेरे साथ पोस्ट मॉडम रूम।

एक लाश पोस्ट मॉडम के लिए आयी थी डॉक्टर तैयारी करता है इंस्पेक्टर हवलदार के साथ पोस्ट मॉडम के रूम के बाहर सतर्क होकर पहरा देने लगता है।

इंस्पेक्टर – हवलदार वो बल्ब देखो तुम्हारी नज़र उसी पर रहनी चाहिए। हवलदार – उस बल्ब में क्या है सर? इंस्पेक्टर – अंदर जैसे ही कुछ गड़बड़ होगी इस बल्ब से लाल रोशनी निकलेगी और सायरन बजेगा। हवलदार – इसका मतलब आपने अपना जाल बिछा दिया है। इंस्पेक्टर – ऐसा ही समझो।

इंस्पेक्टर और हवलदार किसी भी खतरे का सामना करने के लिए तैयार थे की अचनाक बल्ब जलता है और सायरन बजता है इंस्पेक्टर और हवलदार तुरंत पोस्ट मॉडम रूम में जाते है इस बार पोस्ट मॉडम टेबल कांच के बक्से में बंद है और उस कांच के बक्से के अंदर लाश रखी है और बगल में एक भूत बंद है जो बाहर निकलने के लिए फड़फड़ा रहा है उसी रूम में डॉक्टर भी है।

इंस्पेक्टर – थैंक यू डॉक्टर, आपकी योजना सफल रही। डॉक्टर – हां वह यही भूत है जो लाशो की चोरी करता है। हवलदार – यह भूत लाशो की चोरी क्यों करेगा। इंस्पेक्टर – इसी भूत से पूछते है। हवलदार – यह तो कांच के बक्सों में बंद है आपकी बातो को कैसे सुनेगा।

इंस्पेक्टर – इस कमरे में माइक लगा है इसकी टेबल में स्पीकर है यह हमारी बात सुन सकता है।  भूत – हां मैं तुम्हारी बात सुन सकता हूँ। इंस्पेक्टर – बताओ लाश चुराने वाले चोर तुम्ही हो ना।

भूत – हां मैंने ही समसान घाट और पोस्ट मॉडम रूम से लाशे चुराई है मैं इन लाशो को चुरा कर अंतिम संस्कार से बचाता हूँ क्योकि अंतिम संस्कार के बाद किसी की भी आत्मा भूत नहीं बन पाती और मैं इन्हे भूत बनाना चाहता हूँ।

इंस्पेक्टर – तुम इन आत्माओ को भूत क्यों बनाते हो। भूत – हम भूतो की संख्या कम हो रही है इसलिए हम अपने समाज को और बड़ा करना चाहते है। इंस्पेक्टर – अपने स्वार्थ के लिए दुसरो को भूत बनाना अधर्म है और अधर्म की सजा मौत होती है तो तुम्हे भी इसकी सजा मिलेगी।

इंस्पेक्टर, हवलदार, और डॉक्टर पोस्ट मॉडम रूम के बहार आते है इंस्पेक्टर अपनी जेब से एक रिमोट निकालकर उसका बटन दबाता है एक धमाका होता है उस धमाके में सब कुछ ध्वस्त हो जाता है और आग लग जाती है। भूत और लाश दोनों जलकर खाक जो जाते है। उस दिन के बाद से उस गांव में किसी की भी लाश चोरी नहीं हुयी और इसी तरह लाश चुराने वाले भूत की कहानी ख़त्म हो जाती है भगवान उसकी आत्मा को शांति दे। ॐ शांति ॐशांति ॐशांति!


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